चीन ने rare earth minerals और उनसे जुड़ी critical technologies पर लगाया गया ban आखिरकार हटा दिया है।
लंबे समय से जारी इस रोक ने वैश्विक उद्योगों, खासकर भारत की कंपनियों, को बड़ा झटका दिया था। अब चीन ने साफ किया है कि वह तीन प्रमुख क्षेत्रों में export पर लगी रोक को वापस ले रहा है—
1. Fertilizers
2. Rare Earth Minerals एवं Magnets
3. Boring/Runner Machines
भारतीय उद्योगों को राहत
यह फैसला भारतीय कंपनियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। चाहे automobile sector हो, electronics manufacturing, renewable energy projects या defense industry, rare earth magnets और minerals की मांग हर जगह है। चीन से supply रुकने के कारण production और लागत दोनों पर असर पड़ रहा था।
भारत की रणनीति
हालांकि ban हटना एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन भारत ने इससे एक अहम सबक लिया है। सरकार और कंपनियों ने rare earth minerals के स्थानीय स्रोत तलाशने और वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) बनाने पर काम तेज कर दिया है।
भारत अब देश के भीतर rare earth deposits की खोज कर रहा है।
अन्य देशों से strategic partnerships के जरिए minerals import की बातचीत चल रही है।
refining और processing ecosystem भारत में विकसित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के इस कदम ने भारत को यह आईना दिखा दिया है कि अगर critical minerals के लिए किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता रखी गई तो production एक झटके में शून्य पर आ सकता है। यही कारण है कि अब भारत इस सेक्टर में आत्मनिर्भरता (self-reliance) पर जोर दे रहा है.