रेयर अर्थ मैटेरियल संकट से भारत की ऑटो इंडस्ट्री में मचा हड़कंप,चीनी सरकार की बेरुखी, सप्लाई चेन में खतरा, कंपनियां उत्पादन घटाने को मजबूर.
भारत की ऑटोमोबाइल और ईवी इंडस्ट्री इस समय एक गंभीर संकट से जूझ रही है। रेयर अर्थ मैटेरियल — विशेषकर रेयर अर्थ मैगनेट — की सप्लाई में आई बाधा ने कई बड़ी कंपनियों को अपनी उत्पादन रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।
संकट की जड़ — चीन की बेरुखी
रेयर अर्थ मैटेरियल दुनिया में सीमित मात्रा में ही मौजूद हैं, और इनका सबसे बड़ा उत्पादक चीन है। भारतीय उद्योग जगत ने हाल ही में इस मुद्दे पर चीन से बातचीत की कोशिश की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक चीनी सरकार ने इस पर कोई रुचि नहीं दिखाई। प्रस्तावित मीटिंग को भी रद्द कर दिया गया।
विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ सप्लाई का मामला नहीं है, बल्कि भू-राजनीतिक दबाव बनाने का एक तरीका भी हो सकता है।
कंपनियों की प्रतिक्रिया और उठाए गए कदम
Royal Enfield
कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी लोकप्रिय Himalayan 450 और Gorilla मोटरसाइकिल्स का उत्पादन रोकना पड़ेगा। कारण— आवश्यक रेयर अर्थ मैगनेट की कमी, जो इन मॉडलों के इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम का अहम हिस्सा है।
Maruti Suzuki
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के इंजीनियर फिलहाल वैकल्पिक सप्लाई और टेक्नोलॉजी खोज रहे हैं। अभी तक उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन कंपनी मानती है कि अगर स्थिति लंबी चली, तो असर गंभीर हो सकता है।
TVS Motor Company
TVS ने भी संकेत दिया है कि वह अपने कुछ मॉडलों का उत्पादन कम करेगी। कंपनी वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में है, लेकिन अल्पकाल में कटौती अवश्य करनी होगी।
Ola Electric
Ola का रुख बाकी कंपनियों से थोड़ा अलग है। कंपनी के मुताबिक, उनके पास दिसंबर तक का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, और दिसंबर से ही वे नए डिजाइन की मोटर को अपने स्कूटर में लगाना शुरू कर देंगे। फिलहाल बिक्री और सप्लाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उद्योग में बढ़ता तनाव
उद्योग जगत के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस संकट ने एक तरह का पैनिक माहौल पैदा कर दिया है। कुछ कंपनियों ने तो भविष्य की बुकिंग पर भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि यह मुद्दा सिर्फ व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक है। चीन पहले भी अमेरिका और अन्य देशों के साथ इस तरह के कच्चे माल की सप्लाई को लेकर दबाव बनाने की रणनीति अपना चुका है।
क्या है रेयर अर्थ मैगनेट का महत्व?
रेयर अर्थ मैगनेट ईवी मोटर्स, हाइब्रिड वाहनों, विंड टर्बाइन और हाई-परफॉर्मेंस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में जरूरी होते हैं। इनकी कमी का सीधा असर न केवल ऑटोमोबाइल, बल्कि ऊर्जा और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर भी पड़ता है।
सरकार और उद्योग दोनों इस संकट का दीर्घकालिक समाधान खोजने में जुट गए हैं। भारत में रेयर अर्थ खनिजों के भंडार सीमित हैं, लेकिन हाल ही में इस दिशा में खोज और प्रोसेसिंग तकनीकों पर निवेश बढ़ाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
अगर यह संकट लंबा खिंचता है, तो भारतीय ऑटो सेक्टर को न केवल उत्पादन कटौती बल्कि तकनीकी बदलाव और लागत में बढ़ोतरी का भी सामना करना पड़ेगा। फिलहाल सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि वैकल्पिक सप्लाई या नई तकनीक कितनी जल्दी उपलब्ध हो पाती है।